गारियाबंद/मैनपुर। डामर मिक्सिंग प्लांट के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है। प्लांट के आसपास के कई हेक्टेयर जमीन पूरी तरह से अनुपजाऊ हो सकती है। फसल पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। गरियाबंद जिले के विकास खण्ड मैनपुर में अवैध डामर मिक्सिंग प्लांट धड़ल्ले से संचालित किया जा रहे हैं। डामर प्लांट लगाने से पहले लायसेंस लेना पड़ता है, लेकिन जिले में संचालित प्लांट विभाग के नियमों पर खरा नहीं उतरे जिसके चलते उन्हें लाइसेंस ही नहीं दिया गया। प्लांट के लिए संचालक ने ग्राम पंचायत गोपालपुर से भी अनुमति नहीं ली है,जो बिना अनुमति के संचालित हो रहा हैं।मैनपुर से जिला मुख्यालय जाने वाले मार्ग में अवैध डामर प्लांट लगा हुआ हैं।उक्त प्लांट मैनपुर के सड़क ठेकेदार शब्बीर मेमन का बताया जा रहा है प्लांट के कारण आसपास के गांव पूरी तरह से पर्यावरण के की दृष्टि कोंण से असुरक्षित हो रहे हैं। ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडराने लगा है। साथ ही पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, क्योंकि इनका कोई मानक स्तर तय नहीं है। मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण ही इन्हें जिला एवं व्यापार उद्योग से अनुमति नहीं मिल पायी है। इसके अलावा प्लांट संचालन के लिए ग्राम पंचायत से भी अनुमति नहीं ली गई। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रहा है न तो प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की परमीशन ली गई है और न ही राजस्व विभाग को कोई सूचना हैं यहां प्लांट संचालक की मनमर्जी से हो रहा है।इस प्लांट से इतनी धुंध उड़ रही थी कि सड़क से निकलने वाले परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
काफी नुकसानदायक
डामर मिक्सिंग प्लांट के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। प्लांट के आसपास के कई हेक्टेयर जमीन पूरी तरह से अनुपजाऊ हो सकती है। फसल पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। प्लांट के आसपास की जमीन धीरे-धीरे खराब होती जा रही है। मुख्य रूप से धान की फसल पहले की अपेक्षा अब अच्छी नहीं रही।प्लांट के सामने ही सब्जी की खेती भी होती है जिससे क्षेत्र के किसान और दो भोजनालय संचालक भी परेशान है, डामर प्लांट से निकलने वाले धुएं के कारण आसपास क्षेत्र में अंधेरा छा जाता है। जहरीले धुएं का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है। इसकी चपेट में आने से बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
लापरवाह पंचायत
बिना पंचायत की अनुमति के कोई भी प्लांट नहीं लगा सकता। अगर पंचायत चाहे तो इस मामले में स्वयं ही कार्रवाई कर सकता है। प्लांट को बंद कराने का प्रस्ताव पारित कर सकता है। लेकिन पंचायत के जिम्मेदार भी इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं। इसके चलते ही डामर मिक्सिंग प्लांट संचालक भी बेधड़क इसका उपयोग कर रहा हैं।
पक्षियों पर असर
डामर प्लांट का असर पक्षियों पर ज्यादा देखा जा सकता है। ग्रामीणों की मानें, तो जिस स्थान पर प्लांट लगाया गया हैं। उसके आसपास स्थानीय पक्षियों की संख्या नगण्य हो चुकी है। सुबह-सुबह जिन पक्षियों की गूंज सुनाई देती थी, प्लांट लगने के बाद पक्षियों की गूंज सुनाई ही नहीं देती। प्लांट के आसपास पशु व पक्षी नजर ही नहीं आते।
मार्ग किनारे प्लांट
यहा प्लांट गरियाबंद मैनपुर के मुख्य मार्ग कि किनारे ही स्थित हैं। जो कि विकास खण्ड मुख्यालय मैनपुर से महज आधा कि.मी.दूरी एवम सड़क से महज 50 फीट की दूरी पर संचालित हो रहा है।मुख्य मार्ग पर उक्त प्लांट पर अब तक किसी जिम्मेदार की नजर ना पहुँचना और कार्यवाही ना करना लोगो मे चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर इस पर जिम्मेदार कार्यवाही कियूं नही करते है।यह जांच का विषय है।
क्या कहते है जिम्मेदार
इस विषय पर ग्राम पंचायत गोपालपुर सरपंच ज्ञयचंद कोमर्रा से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि इस प्लान्ट के संचालन सड़क ठेकेदार शब्बीर मेमन द्वारा किया जा रहा है जिसकी अनुमति हमारे पंचायत द्वारा नही दिया गया है और ना ही किसी तरह का प्रस्ताव दिया गया है। ग्राम पंचायत गोपालपुर सचिव दशरू राम जगत से ने बताया कि उक्त डामर प्लांट का हमारे पंचायत से किसी तरह की अनापत्ति प्रमाण पत्र या पंचायत प्रस्ताव नही दिया गया है। इस संबंध में डी.के. साहू नायाब तहसीलदार मैनपुर से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि उनको कलेक्टर कार्यालय से अनुमति लेना था।राजस्व से किसी तरह की अनुमति नही दी गई है हमने प्रकरण के रूप में दर्ज कर लिया है कार्यवाही की जायेगी।