सैनिक के अंतिम संस्कार में उमड़ा जन समूह


सैनिक साथियों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर


पूरे अंतिम संस्कार तक मौके पर डटे रहे साथी सैनिक, जनप्रतिनिधि व मयफोर्स बेला थानाध्यक्ष ब्रजेश भार्गव


घनश्याम सिंह 
औरैया 24 अगस्त, जनपद के बेला थाना क्षेत्र के ग्राम सिरसानी निवासी सैनिक सतीश कुमार यादव पुत्र जगदीश कुमार  की  जोधपुर में हृदयाघात से मौत होने पर साथी दिवंगत जवान का शव गांव लाये तो चहुँ ओर शोक की लहर दौड़ गयी। मंगलवार की शाम को हृदयाघात से सैनिक की जोधपुर में मौत हो गई थी।मंगलवार की शाम जब बटालियन के कर्नल ने जवान के पिता को फोन द्वारा यह दुखद खबर सुनाई तो वे बेसुध हो गए।देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत सतीश जब सेना भर्ती हुए तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि 33 वर्ष की अल्पायु में उनकी जीवन लीला समाप्त हो जाएगी।गुरुवार को फौजी का शव पैतृक गाँव पहुँचते ही आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों की भीड उमड़ पड़ी।शव पहुँचते ही परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है और आसपास गांव के लोगो का सांत्वना देने के लिए तांता लग गया।
फौजी का शव जोधपुर से लेकर आये सिग्नल रेजिमेंट के नायब सूबेदार डी. के. यादव ने बताया कि सतीश यादव पुत्र जगदीश चंद्र उम्र 35 बर्ष निवासी जीवा सिरसानी थाना बेला भारतीय सेना के सिग्नल रेजिमेंट जोधपुर राजस्थान में तैनात थे।जोधपुर में अपने क्वार्टर में लेटे थे अचानक इनके सीने में दर्द उठा और शरीर मे ऐंठन सी हुई तो इनको तत्काल आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन तबतक बहुत देर हो चुकी थी जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि हार्टअटैक आने से इनकी मौत हुई है।नौकरी करते हुए 13 साल हो गए थे।जम्मू कश्मीर से कुछ ही दिन पहले रेजिमेंट जोधपुर शिफ्ट हुई थी उसी की व्यवस्था में रेजिमेंट के कुछ जवान जोधपुर आ गए थे बाकी की रेजिमेंट व्यवस्था हो जाने के बाद आएगी।जैसे ही पिता ने ये खबर सुनी तो बेसुध हो गए और परिवार में कोहराम मच गया।मृतक जवान रक्षाबंधन के पहले 3-4 दिन की छुट्टी पर घर आया था।
उनकी पत्नी सुमन देवी बच्चे की पढ़ाई के लिए दिबियापुर रहने लगीं थीं, 5 वर्ष का बेटा दीपक संजोस एकेडमी दिबियापुर में पढ़ता है।पति की मृत्यु की खबर सुनने के बाद पत्नी परिवार सदमें में है।
 जब सैनिक का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ गांव में आया तो उनके अंतिम दर्शन को लोगों का तांता लग गया।हर कोई अपने गांव के देशभक्त लाल के अंतिम दर्शन को व्याकुल दिखा और हर एक व्यक्ति के आँखों मे आँसू थे। 
हालांकि जनपद के प्रशासनिक अधिकारियों की असंवेदनशीलता भी दिखी, थाना पुलिस को छोड़कर कोई प्रशासनिक अधिकारी सैनिक की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुआ।गांव के लोगों को इस बात का कष्ट है,इस मौके पर थानाध्यक्ष बेला बृजेश भार्गव ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई, लोगों को ढांढस बंधाया और अंतिम क्रिया होने तक उपस्थित रहे।लोगों ने उनकी इस सहृदयता के लिए जनसमूह ने उनकी प्रशंसा की
मुखाग्नि देते समय कानपुर से महेश कुमार के नेतृत्व में आई 14 गार्ड कम्पनी ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर अपने साथी को सलामी दी।मृतक फौजी के बेटे दीपक ने चिता को मुखाग्नि दी।मुखग्नि देते समय उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम हो गईं।इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजवीर यादव,पूर्व प्रधान योगेश तिवारी,सपा जिलाध्यक्ष रामलखन प्रजापति,जिला पंचायत सदस्य शिव सिंह,हुकुम सिंह चौहान,रमेश चंद्र प्रजापति,कल्लू,भैयालाल,रामसिंह,अमर सिंह,शिवसिंह,रामगोपाल,राजेश प्रजापति आदि
 आदि ने उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी।
फोटो-
1-फ़ाइल फ़ोटो दिवंगत सैनिक
2-शवयात्रा में उमड़ा जनसमूह
3-दिवंगत जवान को सलामी देते साथी व थानाध्यक्ष
4-बिलखते परिजन