शामली पुलिस के खिलाफ पत्रकारों का अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी रहा


शामली। नगर जिला कलेक्ट्रेट में पत्रकारों का अनिश्चितकालीन चल रहा धरना प्रदर्शन में शामली पुलिस की सद्बुद्धि को लेकर सभी पत्रकारों ने हवन किया,जिसके बाद राष्ट्रगान किया गया और सभी पत्रकार कलेक्टर शामली में अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन पर शुक्रवार की सुबह 9:00 बजे से अपनी मांगों को लेकर बैठे हुए हैं, जिसमें सभी पत्रकारों का एक ही नारा है,एसपी हटाओ शामली बचाओ, जब तक 6 मांगे पूरी नहीं हो जाती पत्रकारों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा, उधर पत्रकारों की कोर कमेटी ने ले लिया है कि चाहे 2 दिन लग जाए या फिर 2 महीने पत्रकार इसी तरह दिन और रात धरना प्रदर्शन पर अपनी मांगों को लेकर अड़े रहेंगे।


     क्यों बैठे पत्रकार अनिश्चितकालीन धरने पर
    
शामली में एक ऐतिहासिक अनिश्चित कालीन धरना पत्रकारो द्वारा  जिला कलेक्ट्रेट मैं किया जा है जिसमे  पुरजोर मांग उठाई है जा रही है कि पत्रकारों पर हो रहे फर्जी मुकदमो जैसे अभी कुछ दिनों पहले कांधला में दो पत्रकार पिता पुत्र को फर्जी मुकदमो में जेल भेज दिया और उस से पहले जी. आर. पी.अफ पुलिस ने न्यूज़ 24 /7 के पत्रकार को जबरजस्ती फ़र्ज़ी मुकदमे में फसाया ओर उनकी  भयंकर पिटाई की ओर उनके ऊपर पेसाब भी किया और अभी हाल ही में सहारनपुर में एक पत्रकार आशीष ओर उसके भाई को घर मे घुस कर गोली मारने जैसे मामलो के खिलाफ जनपद शामली के समस्त पत्रकार धरने पर बैठ गए है अब पत्रकारों का उत्पीड़न नहीं सहा जाएगा इन्हीं मांगों को लेकर आज समस्त पत्रकार जिला कलेक्ट्रेट में एकत्रित होकर शामली के एस.पी अजय  कुमार पांडे को हटाने की मांग पर अड़े हैं और ओर जो जांच अधिकारी  (  दरोगा )  जांच कर रहे है उनकी जांच हो कांधला के एस . ओ को सस्पेंड किया जाय ।इन्हीं सब मांगों को लेकर समस्त ज़िले के पत्रकार  अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। धरने प्रदर्शन मैं मुख्य रूप दिनेश भारद्वाज, लोकेश पंडित, राजपाल पारवा, नाजिम आजाद, जितेंद्र भारद्वाज, विनीत शर्मा,रवि सुलानिया,पंकज प्रजापति,पंकज मलिक, रवि जागलान, शाहनावाज राणा,सालिम रहमानी, धर्मेंद्र राणा, देवेंद्र कुमार, आकाश उपाध्याय, अमित शर्मा, राजेश कुमार, देवेंद्र कुमार, साजिद सिद्दीकी, नासिर अली, फुरकान जंग, मनुव्वर हसन, तनुज कुमार, उमेश,गुलजार, अमित तरार, वरुण पवार, प्रवीण वशिष्ठ, सलेख चंद वर्मा,श्रवन सैनी, तुषार कांबोज,दीपक कुमार सहित सैकड़ों पत्रकार मौजूद रहे।


   2 दिन बीत जाने पर भी पत्रकारों की मांग नहीं की गई पूरी


   दो दिन बीत जाने पर भी प्रशासन ने पत्रकारों की मांगों को नहीं पूरा किया है। जिसको लेकर शामली के पत्रकारों के धरने प्रदर्शन में समर्थन देने मुजफ्फरनगर, बागपत,जनपद के पत्रकारों ने पहुंचकर समर्थन दिया है। इतना ही नहीं हरियाणा के पत्रकारों ने भी धरने पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया है। इसके साथ साथ विश्व हिंदू परिषद अनेकों संगठनों का समर्थन शामली के परिवारों के साथ हुए उत्पीड़न को लेकर दिया गया है और सभी एक ही नारा है एसपी हटाओ शामली बचाओ।


 बौखलाए एसपी ने सोशल मीडिया पर किया मैसेज वायरल


शामली। शामली में चल रहे पत्रकारों का पुलिस के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने को लेकर शामली एसपी बौखलाए जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपने जनपद के सभी थाना प्रभारियों व पुलिसकर्मियों के माध्यम से एक मैसेज वायरल किया आप खुद ही पढ़ लीजिए बौखलाए  एसपी शामली ने क्या मैसेज वायरल किया है।


      शामली की सभी सम्मानित जनता से अपील...


कृपया ग़लत तथ्यों वाली किसी ख़बर पर ध्यान न दें शामली की सम्मानित जनता...'पुलिस के ख़िलाफ़ धरने पर पत्रकार' शीर्षक वाली इस ख़बर के दूसरे पैराग्राफ़ का आख़िरी वाक्य है ”काँधला में भी पत्रकार अख़्तर क़ुरैशी को फ़र्ज़ी मुकद्में में जेल भेजा गया।” आपको अवगत कराना है कि किसी पत्र के वरिष्ठ सम्वाददाता द्वारा लिखा गया यह तथ्य पूरी तरह से ग़लत है। यह न केवल 100 % ग़लत है, बल्कि सही तथ्यों से कोसों दूर भी है। जाँच और विवेचना के आधार पर जो सही बात निकली है, वह यह है कि... इस मामले में अख़्तर क़ुरैशी के ख़िलाफ़ कोई एफआईआर क़ायम ही नहीं हुई है। अख़्तर क़ुरैशी को जेल भेजा ही नहीं गया है, सही तो यह है कि पुलिस ने अख़्तर क़ुरैशी की मदद करते हुए उनकी तरफ़ से उनके विपक्षी के ख़िलाफ़ ही एफआईआर दर्ज की है। उपरोक्त बातों पर ग़ौर फ़रमाएँ तो* यह साफ़ हो जाता है कि किस तरह पत्रकारिता के नाम पर कुछ लोगों के द्वारा आम जनता को गुमराह किया जा रहा है। शामली में कुछ पत्रकार धरने पर बैठें हैं, वे बाइज़्ज़त बैठें। यह अपने देश में सबका लोकतांत्रिक हक़ है। परन्तु अपुष्ट, भ्रामक और पूरी तरह से मनगढ़ंत ख़बरों का सहारा लेकर आम जनता को भ्रमित करना व पुलिस के ख़िलाफ़ भड़काना कहाँ तक उचित है? यह एक चिन्ता का विषय है।


बताना चाहूँगा कि धरने पर बैठे कुछ पत्रकारों की मूलत: दो माँगें हैं...


1. पहली माँग है...थाना काँधला के प्रभारी संजीव विश्नोई को लाइन हाज़िर किया जाए...कारण? अख़्तर क़ुरैशी पर ज़्यादती। पर, सही तथ्य यह है कि एसपी अजय कुमार ने अपने बाद ज़िले के सबसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा पूरे मामले की करवाई। जाँच में उत्पीड़न का कोई मामला पाया ही नहीं गया है; बल्कि, अख़्तर क़ुरैशी की तरफ़ से ही एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने मदद ही किया है।


2. दूसरी माँग है कि अमित शर्मा पत्रकार के प्रकरण में विवेचना सही नहीं हुई है। बताना चाहूँगा कि मूलत: यह जीआरपी पुलिस का मामला है; यह मामला मूलत: शामली पुलिस का है ही नहीं। परन्तु, तफ़्तीश शामली पुलिस को मिली थी, और शामली पुलिस मामले में चार्जशीट तक पहुँची है; मामला माननीय प्रेस काउन्सिल ऑफ़ इण्डिया की भी जानकारी में है। परन्तु कुछ पत्रकार चाहते हैं कि लूट और अपहरण की धाराएँ और बढ़ाई जाएँ। चूँकि पूरी तफ्तीश में पुलिस द्वारा लूट और अपहरण के कोई सबूत नहीं मिले हैं; तो पुलिस कर ही क्या सकती है? कुल मिलाकर, इसी तरह की नाजायज़ और बेबुनियाद माँगों को लेकर धरना दिया जा रहा है जो कि पूरी तरह औचित्यहीन है। सही यह है कि पूरी तरह से शामली पुलिस सभी सम्मानित पत्रकार बंधुओं का आदर, सम्मान व सहयोग करती आई है। यह मैसेज शनिवार को एसपी शामली में जनता को भ्रमित करने के लिए अपने थानेदारों व पुलिसकर्मियों से सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल कराया है।