14 बच्चों को लाल श्रेणी से निकाला,कुपोषित बच्चों को दिया पोषण का तोहफ़ा
औरैया(अमर स्तम्भ)। पोषण के एक-एक बिदु पर मनोयोग से काम कर कई जिंदगियों को बचा कर एक सुनहरे भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। कुछ लोग इसे नौकरी नहीं, जिम्मेदारी समझ कर निभा रहे हैं। ऐसा ही उदाहरण पेश किया है जिले की औतो ग्राम पंचायत की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन चतुर्वेदी ने। ब्लॉक अछल्दा का औतो आंगनबाड़ी केंद्र (विद्यालय परिसर में ) अब प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। 2005 में बाल विकास विभाग में सुमन की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति हुई। परिवार का पूरा सहयोग सुमन को मिलता है जिससे प्रेरित होकर वे कुपोषण मिटाने का लक्ष्य हासिल कर रही हैं।आंगनबाड़ी केंद्र औतो में लगभग दो वर्ष पूर्व 14 बच्चे अति कुपोषण की श्रेणी व 43 बच्चे कुपोषण की श्रेणी में थे। इन बच्चों के माता-पिता की माली हालत दयनीय थी और वे बच्चों का इलाज कराने में अक्षम थे। ऐसे में बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन ने अपनी टीम के साथ मिलकर सार्थक प्रयास किया। व्यक्तिगत तौर पर बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने का ही नतीजा है कि वर्तमान में अति कुपोषित बच्चों की संख्या शून्य और कुपोषित बच्चों की संख्या मात्र पांच रह गई। सुमन बताती हैं कि हमारे केंद्र से जुड़ी माताएं और बच्चों के अभिभावक नि:संकोच परेशानियों को बताते हैं। परेशानी बताना या किसी बात की शिकायत करना इस बात को दर्शाता है कि उनको मेरे काम पर भरोसा है।
सिद्धार्थ के लिए बनी आशा, मां को टीकाकरण के प्रति किया जागरूक
ग्राम पंचायत औतो के गाँव मजरा पूर्वा भूपत की सुमन बताती हैं कि उन्होंने 2017 में अपने बेटे सिद्धार्थ को जन्म दिया था और उन्हें ये भ्रांति थी कि किसी भी टीकाकरण से बच्चे की जान जा सकती है। इसलिए उन्होंने 3 माह तक कोई भी टीका नहीं लगवाया। पर वह कहती हैं सुमन दीदी ने मेरे द्वारा मना करने पर भी मुझे समझाना जारी रखा। समझाया की सिद्धार्थ की सेहत के लिए टीका बीमारी से दूर भगायेगा। मैंने 3 महीने तक बोतल का दूध पिलाया। उसके लिए भी सुमन दीदी ने बहुत समझाया और स्तनपान से होने वाले फायदे बताए । आज मेरा बच्चा स्वस्थ है, वजन भी ठीक है और इसके लिए मैं सुमन दीदी की आभारी रहूंगी। गर्भवती तक पहुंच बनाने का शत प्रतिशत रिकॉर्ड आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रत्येक कार्यकर्ता को एक हजार दिन तक गर्भवती व बच्चे की देखरेख करनी होती है, लेकिन कई जगह इसे महज औपचारिकता ही समझा जाता है। समुदाय के लोगों ने बताया कि सुमन इस समय अवधि के बाद भी जच्चा व बच्चा की मदद करती रहती है। गर्भवती तक पहुंच बनाए रखने का उनका शत-प्रतिशत रिकॉर्ड है। वह ग्रह भ्रमड़ के दौरान माताओं को स्तनपान का सही तरीका व महत्व, शिशु को लगने वाले सभी टीके, डाइट, आराम की समय सारिणी, वजन की जांच व मल्टी फूड की जानकारी लिख कर देती हैं।
आँगनबाड़ी कार्यकर्ता होने के साथ स्वच्छग्राही और बीएलओ भी
सुमन 3 अगस्त 2016 से स्वस्थ भारत मिशन के अंतर्गत स्वच्छग्राही के पद पर कार्यरत हैं। साथ ही यह बूथ लेवल ऑफिसर का कार्यभार भी संभाले हैं जिसके लिए उन्हें क्षेत्र मे किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए 2014 मे प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। साथ ही 9 नवम्बर 2016 को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वच्छग्राही के रूप में बेहतर कार्य के लिये भारत सरकार की आयोजित कार्यशाला में महिला चैंपियन के रूप में जनपद से चुना गया था। पूरी कार्यशाला में उत्तर प्रदेश की कुल 12 महिला चैंपियन चयनित हुई थी।