महासमुंद(अमर स्तम्भ)। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी कार्यक्रम अंतर्गत जिले के विकासखण्ड बसना के ग्राम पंचायत मेढ़ापाली के ग्राम ठुठापाली में मॉडल गौठान का निर्माण किया गया है। गौठान का निर्माण 3 एकड़ में किया गया है, जिसमें से 3 एकड़ भूमि में चारागाह का विकास किया जा रहा है। ग्राम में कुल पशुओं की संख्या 104 है, जिसमें प्रतिदिन 70-80 पशु गौठान में आते है। गौठान में विभिन्न प्रजातियों के 200 से अधिक पौधे भी रोपित किया गया है। यहा घुरूवा योजना के तहत दो वर्मी बेड लगाए गए है, जिसमें गोबर एकत्र करने का काम एवं रख-रखाव यहां के जय गणेश महिला स्व सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। यहां प्रति सप्ताह गौठान समिति के सदस्यों की बैठक आयोजित किया जाता है, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर विकास के लिए कार्य योजना बनाते है। गौठान निर्माण के कार्यो में ग्रामीण महिलाओं का विशेष योगदान है। गौठान में ग्राम के समस्त पशुओं को एकत्र कर पशुधन विकास विभाग द्वारा टीकाकरण, उपचार, दवा वितरण कृमिनाशक दवापान, कृत्रिम गर्भाधान का कार्य किया जाता है। गौठान में पानी की समुचित व्यवस्था के लिए दो तालाब, एक डबरी एवं बोर का खनन किया गया। यहां कोटना एवं पानी टंकी निर्माण कर पशुओं को पानी पिलाया जाता है तथा नियमित रूप से इसका साफ-सफाई भी किया जाता है। इसके अलावा गौठान से लगा हुआ 3 एकत्र भूमि पर चारागाह की व्यवस्था की गई, जिसमें नेपियर घास, मक्का के साथ ही साथ वृक्षारोपण का कार्य भी किया गया है। गौठान एवं चारागाह में लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह द्वारा कार्य किया जा रहा है, जिससे ग्राम पंचायत के महिलाएं लाभान्वित हो रही है। स्व सहायता समूह के महिलाओं एवं चरवाहों विभिन्न विभागों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने, गोबर एवं कचरा एकत्र कर केचुंवा खाद तैयार करने की तकनीक के बारे में जानकारी दी गइ है। इसी प्रकार चरवाहों को स्वस्थ्य एवं बीमार पशुओं की पहचान करने के बारे में बताया गया है। बाड़ी विस्तार के लिए खाद के उपयोग एवं उसके लाभ के बारे में भी जानकारी दी गई है। गोबर से धूप अगरबत्ती एवं अन्य उपयोगी वस्तु बनाने की विधि भी बताई गई है।