औरैया में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई भैया दूज

दूर-दूर से मायके पंहुचीं बहनों ने भाइयों का किया तिलक-रोचन


औरैया(अमर स्तम्भ)। जनपद में अत्यंत श्रद्धा व हषोल्लास पूर्वक भैया दूज(यम द्वितीया) का त्यौहार मनाया गया,इस अवसर पर दूर-दूर से बहनों ने आकर अपने भाइयों का रोचना किया। भैया दूज के अवसर पर जिले के कस्बों,रोडवेज स्टैंड,रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ देखी गई,इस मौके पर मिठाइयों की दुकानों पर भी अच्छी खासी भीड़ उमड़ी,इस मौके का लाभ उठाते हुए घाघ किस्म के दुकानदारों ने जमकर मिठाइयां बेचकर मनमाने दाम वसूले,काफी संख्या में बहनें दो पहिया वाहनों व चार पहिया वाहनों से मायके पंहुचीं और श्रद्धापूर्वक भाइयों के माथे पर तिलक रोचन किया,इस मौके पर भाइयों ने बहनों को उपहार देकर रक्षा का बचन दिया, इस संबंध में  प्रमुख विद्वान व जनपद की सुप्रसिद्ध शिक्षण संस्था सुदिति ग्लोबल एकेडमी के प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार वाजपेयी ने भैयादूज यम द्वितीया का महत्व बताते हुए कहा
"शुक्लद्वितीयायां यमो यमुनया पुरा।
भोजितः स्वगृहे तेन द्वितीयैषा यमाह्वया।।
पुष्टिप्रबर्धनं चात्र भगिन्या भोजनं गृहे।
बस्त्रालंकार पूर्वं तु तस्मै देयमतः परम्।।
यस्यां तिथौ यमुनया यमराजदेवः संभोजितो।
निजकरात्स्वसृसौहृदेन।।
तस्यां स्वसुकपतलादिह यो भुनक्ति।
प्राप्नोति रत्नधनधानयमनुत्तमं सः।।
 अर्थात्: कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्वकाल में यमुना जी ने  यमराज को अपने घर भोजन करवाया था, इसीलिए इसे 'यम द्विताया' कहते हैं। इसमें बहिन के घर भोजन करना पुष्टिवर्धक बताया गया है। अतः बहिन को उस दिन वस्त्र और आभूषण देने चाहिए। उस दिन जो बहिन के हाथ से इस लोक में भोजन करता है, वह सर्वोत्तम रत्न, धन और धान्य प्राप्त करता है।
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 1-जानकारी देते विद्वान नरेन्द्र कुमार बाजपेयी
 2-भाइयों को तिलक रोचन करती बहनें