छुरा(अमर स्तम्भ)। विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्रामो में बहुतायत रूप में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य चल रहा है जिसके चलते मजदूरों की कमी लगातार देखी जा रही है इसी कमी को पूरा करने के लिये भवन ठेकेदार बालश्रमिको को भवन निर्माण में धकेल रहे हैं जिसके चलते भवन का कार्य तो हो रहा है लेकिन जिनके हाथों में कॉपी पेन पेंसिल होनी चाहिये वो न होकर फावड़ा धमेला देखा जा रहा है ठीक इसी तरह विकासखंड में बच्चों के भविष्य गढ़ने एकलव्य भवन का निर्माण किया जा रहा है जिसका निर्माण एजेंसी मेसर्स एन्यु कंस्ट्रक्शन प्रायवेट लिमिटेड रायपुर है,लेकिन यहां तो बच्चों को ही बालश्रमिक के रूप में कार्य करवाया जा रहा है, छुरा विकासखण्ड में बालश्रमिको को एकलव्य भवन निर्माण में जो कि ठेकेदार मेसर्स एन्यु कंस्ट्रक्शन प्रायवेट लिमिटेड रायपुर के द्वारा कार्य करवाया जा रहा है इसको शासन प्रशासन ने सुध लेते हुए बाल कल्याण विभाग ने लोक आस्था सेवा केंद्र गरियाबंद की मदद से लगातार इस मामले में छुरा क्षेत्र में घूम घुम कर बालश्रमिको को खंगालती रही जिसके चलते सप्ताह भर पहले करीब 5 बालश्रमिक छुरा विकास खण्ड के 3 स्थानों में पाए गए जहा 2 निजी भवन निर्माण जगहों से 3 एवं एकलव्य भवन निर्माण छुरा जो कि फिंगेश्वर रोड में बन रहा है वहां से 2 बालश्रमिक पाये गए, बालकल्याण विभाग के सचिव शैलेन्द्र नागदेवे से चर्चा किया गया तो उनके द्वारा कहा गया कि छुरा में 5 बालश्रमिक पाये गए जिसमे सभी बच्चों को समझाइश देकर घर वापस भेजा गया औऱ जो इनको बालश्रमिक के रूप में एकलव्य भवन निर्माण एंजेसी मेसर्स एन्यु कंस्ट्रक्शन प्रायवेट लिमिटेड रायपुर एवं अन्य दो ठेकेदार के द्वारा कार्य करवाया जा रहा था ।उनके खिलाफ़ विधिवत विभागीय कार्यवाही की जाएगी, इसी चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि जिले के किसी भी नागरिक को कही पर बालश्रमिक दिखे तो 1098 में डायल कर तत्काल विभाग को जानकारी देवे उनकी पहचान गुप्त रखी जायेगी । और यदि कोई व्यक्ति या परिवार बच्चा गोद लेना चाहते हैं तो बाल कल्याण समिति में आकर आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं, बाल कल्याण समिति हमेशा सजग होकर कार्य की है अभी हाल में ही ओड़िशा की एक बालिका जिस्कॉ अमलीपदर थाना अंतर्गत आने वाले एक युवक के द्वारा पत्नी बनाकर रखा गया था उसको हमारे विभाग के द्वारा उनको पुनः घर वापसी कराया गया । हमारे विभाग को कई बार समस्या का सामना करना पड़ता है जब पास्को एक्ट से पीड़ित बालिकाओं को जब कुछ समाज के लोग अपनाते नही है तब हमारे विभाग को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है समाज को जागरूक होना जरूरी है।
जिनके मासूमों के हांथो में होना था बस्ता वो कर रहे है मजदूरी, मजदूर बालकल्याण विभाग ने की कार्यवाही