कश्मीर में विपक्षी दलों के नेताओ को रोकना तथा विदेशी नेताओ को जाने देने में कुछ तो गडबड: संजय अजगल्ले

कश्मीर में विपक्षी दलों के नेताओ को रोकना तथा विदेशी नेताओ को जाने देने में कुछ तो गडबड: संजय अजगल्ले


यूरोपीय यूनियन(ईयू)के 27 सांसद के श्रीनगर दौरे को लेकर कांग्रेस युवा नेता संजय अजगल्ले ने मोदी सरकार पर  निशाना 


जांजगीर(अमर स्तम्भ)। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यूरोपीय यूनियन (ईयू) के 27 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कश्मीर पहुंचा। कांग्रेस युवा नेता संजय अजगल्ले ने विदेशी नेताओं के दौरे को भारतीय संसद और सांसदों के विशेष अधिकारों का हनन बताया। उन्होने कहा कि भारतीय सांसदों को रोकने और विदेशी नेताओं को वहां जाने की अनुमति देने में कुछ तो गड़बड़ है। ईयू के सांसदों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। वेल्स से ईयू के सांसद नाथन गिल ने कहा कि यह विदेशी प्रतिनिधिमंडल के लिए कश्मीर जाकर मौजूदा स्थिति का जायजा लेने का बेहतर मौका है। इस पर हमारे नेता राहुल गांधी जी ने ट्वीट किया कि भारतीय सांसदों की कश्मीर यात्रा पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया और श्रीनगर से वापस भेज दिया गया। वहीं यूरोपीय सांसदों के लिए सरकार लाल कालीन बिछा रही है। इससे पहले कांग्रेस आनंद शर्मा ने एक बयान में कहा कि यूरोपीय सांसद कश्मीर जा रहे हैं। उन्हें पूरी जानकारी से अवगत कराया जा रहा है। ये भारतीय संसद की संप्रभुता के खिलाफ है और भारतीय सांसदों के विशेष अधिकारों का हनन है। संजय अजगल्ले ने आगे कहा कि भारत के विपक्षी दलों के नेताओं को कश्मीर में सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों से नहीं मिलने दिया गया। यूरोपीय सांसदों को कश्मीर ले जाना, सरकार की नीतियों में विरोधाभास दिखाता है। कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला है, यह इस धारणा के भी खिलाफ है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह नया भारतीय राष्ट्रवाद है।हमारे मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट के माध्यम से “जम्मू-कश्मीर हमारा, फिर यूरोपियन यूनियन वाले कैसे पधारे? हमारा मामला, हम देखेंगे! पर मोदीजी ने यूरोपियन यूनियन को कश्मीर में पंच क्यों बनाया? दूसरे देशों के सांसदों को कश्मीर जाने की अनुमति है, हमारे सांसदों को क्यों नहीं? यह मोदी सरकार का फर्जी राष्ट्रवाद और संसद का अपमान है।संजय अजगल्ले ने कहा अगर जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल करने के लिए अनुच्छेद 370 हटाया गया है तो राहुल गांधी को कश्मीर आने से क्यों रोका गया? जबकि केंद्र सरकार ईयू के सांसदों को यहां आने की मंजूरी दे रही है।संजय अजगल्ले ने आगे कहा कि कश्मीर में भाजपा का टिकट तभी संभव है, जब आप फासीवादी और मुसलामानों के प्रति नफरत रखते हों।'वहीं' अनुच्छेद 370 पर लोकसभा में बहस के कांग्रेस नेता शशी थरूर जी की अपील नहीं मानी गई। कश्मीर के हालात जानने के लिए सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई। अब ईयू सांसदों को बतौर मेहमान कश्मीर भेजा गया है। यह भारतीय लोकतंत्र की बेइज्जती है।


कश्मीर में विकास और शासन की प्राथमिकताएं दिखेंगी: मोदी


ईयू सांसदों के प्रतिनिधिमंडल, मोदी और डोभाल के बीच कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई। मोदी ने अपने संबोधन के दौरान सांसदों को कश्मीर समेत भारत के अन्य हिस्सों के दौरे के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल को कश्मीर में सरकार के विकास और शासन की प्राथमिकताएं दिखाई देंगी। डेलिगेशन वहां की संस्कृति और विविधता के बारे में भी ज्यादा अच्छी तरह समझ पाएगा। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र प्रदेशों में बांट दिया था।