रेत उत्खनन घाटों से बंद होने पर 5 परिवहन मालिकों ने की आत्महत्या
रायपुर(अमर स्तम्भ)। एनजीटी के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में रेतघाट बंद होने के कारण पिछले 15 जून से 15 अक्टूबर के मध्य रेत परिवहन व्यापारियों को अर्थ संकट की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। एकाएक घाट बंद होने से प्रदेश के 14 हजार वाहनों के पहिये थमने से रेत परिवहनकर्ताओं एवं उनके कर्मियों के समक्ष घोर आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालात इतने बद्तर हैं कि रेत उत्खनन पर निर्भर 56 हजार परिवारों की रोजी-रोटी बंद हो गई है। वाहन मालिकों द्वारा बैंक से लोन लेकर ट्रक खरीदे गए थे जिनकी प्रतिनग ट्रक प्रतिमाह 90 हजार का स्टालमेंट पटाना मुश्किल होने के कारण अब तक 5 वाहन मालिकों ने आत्महत्या कर ली है।उक्त जानकारी प्रेसक्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ के अध्यक्ष गिरधारी लाल सोनवानी एवं उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ निजामी ने संयुक्त रूप से दी। पत्रकारवार्ता में सोनवानी ने माइनिंग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर धमतरी कलेक्टर के निर्देश पर 15 से 20 हजार रूपए अवैध वसूली करने का आरोप लगाया। गिरधारी ने बताया कि उक्त वसूली 5 हजार रूपए रेडक्रॉस सोसायटी में जबरिया दान के लिए वसूली जा रही है। वहीं 10 हजार रूपए की राशि कलेक्टर के निर्देश पर वसूलने की बात माइनिंग विभाग के अधिकारी कहते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर रेत परिवहन संघ के सदस्यों के ज्ञापन पर कार्यवाही करने का आग्रह किया गया है। वसूली में पंच, सरपंच, कोटवार, पटवारी, आरआई, नायब तहसीलदार, तहसीलदार,एसडीएम एवं धमतरी जिले के थाना स्टाफ के लोगों को ट्रक रेतघाट से 10 किलोमीटर दूर खाली खड़े होने पर भी पकड़-पकड़ कर वसूली की जा रही है। गिरधारी सोनवानी ने कहा कि यही स्थिति कायम रही तो 15 अक्टूबर के बाद 16 अक्टूबर को परिवहन संघ जंगी प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर धमतरी एवं माइनिंग विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलेगा।पत्रकारवार्ता में रेत परिवहन संघ के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे।