उदंती बफर जोन के अधिकारियों बना मूकदर्शक
गरियाबंद(अमर स्तम्भ)। ओड़िसा सोनाबेडा से पहूँचे 25 हाथियों का झूंड दो दिनों से कूकराड़ इलाके में फसल तबाह कर रहा है,अब तक 30 से भी ज्यादा किसानों के 45 एकड़ फसल तबाह कर चुका है, हाथी भगाने सरकारी मदद नही मिली तो ग्रामीण मिट्टी का हाथी बना कर पूजा पाठ कर फसल बचाने टोटके का सहारा ले रहे हैं। कुल्हाड़ी घाट परिछेत्र में ओड़िसा नूवापडा जिले के सरहदी इलाके सोनाबेडा से शनिवार की शाम हाथियों का दल आमामोरा पँचायत में दस्तक दिया है।ग्रामीण जैतराम,बैदराज, भकचन्द ने बताया कि शनिवार की रात को मंगलसिंह के खेत में हाथी घुसा, तब शनिवार को ही हाथीयो के आने का पता चल गया था।आमामोरा सरपँच विशाखा बाई ने बताया की रविवार को कूकरार में गरूदसिंह की झोपड़ी तोड़ दिया,बर्तन बासन को भी नूकसान पहूंचाया।दो गाव में 30 से ज्यादा किसानों के 45 एकड़ में लगे फसल को नूकसान पहूचाया है।उत्पात लगातार जारी है,सोमवार की शाम 6 बजे हाथियों का झूंड कूकरार के सुखराम के खेत के करीब देखा गया है।आज तीसरे दिन भी हाथी फसलों पर टूट पड़े है।इससे किसानों को नूकसान भी हो रहा है,वंही घरों तक पहूँचने से दहशत भी है।कुल्हाड़ीघाट के रेंजर सुदर्शन नायक ने कहा कि रविवार को उंन्हे ग्रामीणों से सूचना मिल गया था, कर्मियों की टीम भेज कर मूवावज़ा के लिये सूची बनाया जा रहा है। उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है।भगाने के लिए कहा तो गया है,पर 25 से भी ज्यादा हाथियों को 3-4 कर्मी मिलकर कैसे भगाये।फिर भी कोशिस जारी है।
कमार किसान के बच्चे कर रहे है मिट्टी का हाँथी बनाकर पूजा
मिट्टी के हाथी बनाकर खेत के मुहाने में कर रहे पूजा-भगाने का ठोस पहल नही होता देख पीड़ित ग्रामीण टोटके का सहारा ले रहे हैं। ग्रामीण खेत के मेड पर मिट्टी का हाथी बनाकर उसे दो टाइम पूजा अर्चना कर रहे हैं।पीड़ित चिंता बाई ने कहा कि अब तक इनके डेढ़ एकड़ खेत का फसल चौपट हो गया है।कल शाम से वह मिट्टी के हाथी का पूजा अर्चना खेत मेड पर कर रहे है,तब से हांथी नही आया।यह तरकीब पता चलते ही आज सारे ग्रामीण टोटका आरम्भ कर दिए है।दोपहर को सुखराम ने पूजा किया था।लेकिन आज दोबारा शाम को झूंड के कुछ बड़े हाथी उसके खेत मे घूस कर फसल चौपट कर रहे थे।