बिल्हौर। संविधान के शिल्पी डा. भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर बिल्हौर में कई कार्यक्रम आयोजित हुुए। भारत रत्न मानवता के मसीहा डॉ0 भीमराव अम्बेडकर की पूर्ण तिथि पर कोटि-कोटि नमन व भावभीनी श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उपस्थित होकर डॉ0 भीमराव अंबेडकर के 64वे परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर भारत रत्न प्राप्त परम पूज्य डॉ0 भीमराव अंबेडकर के रूप में हुई अपूरणीय क्षति को याद करते हुए 2 मिनट का मौन धारण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी व बाबा साहब के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। एडवोकेट विनय कुमार गौतम ने बाबा साहब के मुख से निकले अंतिम संदेश को नानकचंद रत्तु जी से कहा थोड़ी देर शांत रहने के बाद आंसू पोछते हुए " नानक चंद मेरे लोगों को बता देना कि जो कुछ मैंने किया है वह अपने विरोधियों से जीवन भर संघर्ष करते हुए और कुचलकर रख देने वाली बाधाओं से गुजर कर ही कर पाया हूं। मैं बहुत मुश्किल से कारवां को इस स्थिति तक लाया हूं। जहां यह आज दिखाई दे रहा है इस कारवां को आगे बढ़ने ही देना है। चाहे कितनी ही बाधाएं रुकावटें या परेशानियां इनके रास्ते में क्यों ना आये। यदि मेरे लोग इस कार्य को आगे ना बढ़ा सके तो उन्हें इसको यहीं इसी दशा में छोड़ देना चाहिए। परन्तु किसी भी हालत में इसे पीछे नहीं जाने देना है। उनके अनेक सामाजिक कार्यों को याद करते हुए कार्यकर्ताओं द्वारा बाबा साहब के जीवन संघर्ष पर प्रकाश व उनके विचारों को याद कर अपने अपने विचार व्यक्त किए सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा उनके कार्यों को गिना समाज को अवगत कराया व एक संदेश देने का प्रयास किया कि परम पुरुष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के रूप में हुई अपूरणीय क्षति को शायद अब कभी भरा नहीं जा सकता है। कार्यक्रम में मौजूद एडवोकेट विनय कुमार गौतम , ऐ0के सिंह विकास सुधाकर, चंद्रशेखर (प्रधान पति ),रवि गौतम, मिट्ठू लाल ,गौतम कुमार ,लाला राम ,डॉ0आर0आर कमल,संजय ,डॉ वीर सिंह, एड0महेंद्र सिंह कुशवाहा,रजनीश गौतम विद्याराम बौद्ध, अजय कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
बाबा साहेब की याद में एड०विनय कुमार गौतम की आंखे हुई नम