■ डा.धर्मेंद्र प्रताप सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित अभिनंदन ग्रंथ "अभिषेचनम" का लोकार्पण भी किया हिंदी मनीषी अतिथियों ने
कानपुर। अपनी उत्कृष्ट लेखनी द्वारा हिंदुस्तान को हिंदी साहित्य के अनमोल ग्रंथ समर्पित करने वाले हिंदी के प्रखर विद्वान व औरैया के गौरव व विवेकानंद महाविद्यालय दिबियापुर के पूर्व प्राचार्य एवं हिंदी विभागाध्यक्ष डा.धर्मेंद्र प्रताप सिंह का दिबियापुर में धूमधाम से सारस्वत अभिनंदन आयोजित किया गया। पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार यह आयोजन औरैया हिंदी प्रोत्साहन निधि के संयोजकत्व में संपन्न हुआ,समारोह में डा.धर्मेंद्र प्रताप सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित अभिनंदन ग्रंथ "अभिषेचनम" के साथ अन्य साहित्यकारों की कृतियों का विमोचन भी किया गया, समारोह में मुख्य अतिथि वद्रीविशाल महाविद्यालय फर्रूखाबाद के पूर्व प्राचार्य डा.शिव बालक द्विवेदी ने डा.धर्मेंद्र प्रताप सिंह के साहित्य को आध्यात्म से प्रेरित बताते हुए लोक कल्याण के मार्ग की प्रशस्ति पर बल दिया,उन्होंने कहा कि डॉ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी उत्कृष्ट लेखिनी द्वारा समाज कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है,इसी क्रम में प्रख्यात साहित्यकार व पूर्व प्राचार्य पीएसएम महाविद्यालय कन्नौज डा.जीवन शुक्ला ने डा.धर्मेंद्र के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके साहित्य से समाज नई दिशा मिलेगी, इस मौके पर फिरोजाबाद से आए हिंदी के लोकप्रिय गीतकार एवं एसआरके महाविद्यालय फिरोजाबाद के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा.रामसनेहीलाल शर्मा यायावर एवं लखनऊ की संस्कृत विदुषी डा.नवलता ने डा.धर्मेंद्र की साहित्यिक एवं व्यक्तिगत उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा की,कार्यक्रम में चार चांद लगाते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार ओमनारायण चतुर्वेदी मंजुल ने डा.धर्मेंद्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित अभिनंदन ग्रंथ "अभिषेचनम" का लोकार्पण किया तो पांडाल करतल ध्वनि से गूंज उठा, इस मौके पर डा.धर्मेंद्र प्रताप सिंह की कृति जनतांत्रिक साहित्य सृजन, देवीचरन दिव्यांशु के काव्य संग्रह मेरी डोर तेरी ओर, योगेश की रचना नाटकावलि का भी लोकार्पण किया गया,समारोह का प्रोफेसर इकरार अहमद ने सफलतापूर्वक मंच संचालन किया,इस मौके पर चौधरी रामबाबू यादव, डा.अजब सिंह, डा.एमपी शुक्ला, डा.नरेश बाबू श्रीवास्तव, डा.शिवशंकर मिश्र, डा.अनिल दीक्षित, संतोष परिहार, डा.हरीबाबू गुप्ता, राजेंद्र पोरवाल, मुकेश भारतीय, राघव मिश्रा, डा.इंद्रमोहन, शोभाराम पोरवाल, ओमप्रकाश तिवारी, अनुराग असफल, डा.प्रभा चतुर्वेदी, अधिवक्ता बाबू सिंह तोमर, डा.कुश चतुर्वेदी, सुखलाल गुप्ता आदि मौजूद रहे। विभिन्न जनपदों की २५ सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से भी डा.धर्मेंद्र प्रताप सिंह को स्मृति चिन्ह एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया,इस अवसर पर सारस्वत सम्मान पाकर हर्षित और भावुक हुए डॉ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह सम्मान मेरी कलम को सम्बल प्रदान करने वाली मां सरस्वती को व आप सब समस्त सज्जनों को समर्पित है,उन्होंने समारोह में पधारे समस्त संभ्रांतजनों,साहित्यकारों,सहयोगियों का आभार प्रकट किया।
1-डॉ धर्मेंद्र प्रताप सिंह के अभिनन्दन ग्रंथ का विमोचन करते साहित्यकार
2-डॉ धर्मेन्द्र प्रताप सिंह को शाल उढ़ाकर सम्मानित करतीं साहित्यकार
3-फ़ोटो डॉ धर्मेन्द्र प्रताप सिंह