स्वास्थ्य विभाग ने लाभार्थियों का रिकार्ड जुटाना किया शुरू
कानपुर देहात। तीन तलाक पीड़िता चाहे वह किसी धर्म या समुदाय से हों अब उन्हें इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए विचार किया है कि आयुष्मान भारत योजना से वंचित ऐसे लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना के समान लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान में शामिल किया जाएगा। ऐसी महिलाओं को जिले में आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत अस्पतालों में निःशुल्क उपचार मिलेगा | इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी ऐसे लाभार्थियों के रिकॉर्ड एकत्र करना शुरू कर दिया है |
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ० वी पी सिंह ने बताया कि शासन से मिले पत्र में 16 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है इसमें तलाक पीड़ित महिला का नाम, माता पिता का नाम, लिंग, आयु, पता मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, पता और राशन कार्ड का भी ब्यौरा मांगा गया है, उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से परित्यक्ता/ तलाक से पीड़ित महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से दी गई सौगात है | उन्होंने आयुष्मान योजना से जुड़ी टीम को ऐसी महिलाओं का डाटा इकट्ठा करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसी महिलाओं की जानकारी के लिए सभी धर्म गुरुओं, फैमिली कोर्ट, महिला कल्याण बोर्ड से इसके बारे में जानकारी ली जा रही है, आयुष्मान भारत योजना के डीपीसी डॉक्टर शिवम गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के क्रम में परित्यक्ता/ तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं को अब मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान में शामिल किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि तलाक पीड़ित महिला जिसका फैमिली कोर्ट में तलाक का केस चल रहा है, ऐसी महिलाओं को ससुराल पक्ष की तरफ से खर्चा तो मिल जाता है लेकिन उनके इलाज की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं होता है। इस कारण कई बार गंभीर बीमारी होने के चलते महिलाओं की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है।