जनपद भ्रमण पर आए बहाई विद्वानों का बेला में भव्य स्वागत


■ सामाजिक सदभाव बिना समाज का शाश्वत विकास असंभव-महाद्वीपीय सलाहकार : द्रगपाल सिंह
■ सामाजिक विकास में युवाओं का योगदान महत्वपूर्ण:हामेद मोहाजिर


औरैया(अमर स्तम्भ)। राष्ट्रीय सामाजिक जन जागरूकता अभियान के तहत जनपद के दौरे पर आए बहाई विद्वानों का फूलमालाएं पहनाकर स्थानीय आध्यात्मिक सभा बेला के सदस्यों ने भव्य स्वागत किया। राष्ट्रीय अभियान के तहत जनपद के विभिन्न स्थानों पर समुदाय-समाज के विकास के लिए चलाए जा रहे शैक्षिक व  आध्यात्मिक कार्यकर्मों  में प्रतिभाग कर वापस लौट रहे  बहाई विद्वानों का  स्थानीय आध्यात्मिक सभा  बेला के सदस्यों ने ग्राम मनुआं पुरवा स्थित स्थानीय आध्यात्मिक सभा सदस्य व समाजसेविका प्रमिला सिंह के आवास पर स्वागत किया,इस मौके पर  महाद्वीपीय सलाहकार दृग पाल सिंह,हामेद मोहाजिर, घनश्याम सिंह राजपूत का स्थानीय आध्यात्मिक सभा सदस्य प्रमिला सिंह की अध्यक्षता में घनश्याम सिंह,शुभम बाबू,आशीष कमल आदि  ने  फूल मालाएं पहना कर  स्वागत किया,इस मौके पर  महाद्वीपीय सलाहकार  व बहाई विद्वान दृगपाल सिंह ने कहा कि समाज के विकास के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति में आपसी सदभाव नितांत आवश्यक है,क्यों कि सामाजिक सदभाव बिना समाज का शाश्वत विकास असंभव है,महाद्वीपीय सलाहकार व बहाई विद्वान  दृगपाल सिंह ने बताया कि जब तक समाज के समस्त प्राणियों में सदभावना स्थापित नहीं होगी तब तक समाज का शाश्वत विकास नहीं होगा,उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि समाज के सभी वर्गों,धर्मों के लोग समाज रूपी हाथ की उँगलियों  की भांति हैं,जिनका समुचित उपयोग करके ही समाज का शाश्वत विकास संभव है,उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सभी धर्म समान हैं, सबका एक ही उद्देश्य मानव मात्र की एकता होता है,विभिन्न काल चक्रों में धर्म के उत्थान के लिए ईश्वर अपने दूतों को अवतारों के रूप में पृथ्वी पर भेजता है जो पिछले अवतारों की शाश्वत शिक्षाओं की स्मृति दिला कर समयानुकूल नवीन व्यवहारिक शिक्षाएं प्रदान करता है,उन्होंने बताया कि आज से करीब दो सौ वर्ष पूर्व ईरान की धरती पर अवतरित हुए बहाउल्लाह "ईश्वर के प्रकाश" ने समाज,समुदाय,संसार के कल्याण लिये  विश्व को एकता के सूत्र में बांधने,सर्व-धर्म समन्वय,सर्व्यापी शिक्षा,समस्त पूर्वाग्रहों,नशा  उन्मूलन,स्त्री-पुरुष समानता आदि के लिए दिनरात कार्य किया जिसके लिए उन्हें अनगिनत कारावास व घोर यातनाएं दीं गईं, इस मौके पर बहाई विद्वान हामेद मोहाजिर ने कहा कि सामाजिक विकास में युवाओं का योगदान महत्वपूर्ण होता है,क्यों कि युवाओं में ही कुछ कर गुजरने की क्षमताएं होती हैं,उन्होंने युवाओं का आवाहन करते हुए कहा कि "आप अपनी शक्ति पहचानों और ईश्वर का धन्यवाद दो कि उसने तुम्हें अपने परिवार,समाज,समुदाय, संसार के उत्थान के लिए योग्य बनाया है,बहाई विद्वान हामेद मोहाजिर ने युवाओं का आवाहन किया कि वे अपने परिजनों,गुरुजनों का शिष्टाचार करें,अच्छी शिक्षा  प्राप्त कर समाज के वातावरण को स्वच्छ बनाएं।


1-बहाई विद्वानों का स्वागत करते स्थानीय सभा सदस्य


2-वार्ता करते बहाई विद्वान