आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजित किया गया ‘ममता दिवस’
कानपुर देहात(अमरस्तम्भ)। 15 जनवरी, गर्भावस्था और प्रसव के पश्चात संतुलित एवं समुचित खानपान की ज़्यादा ज़रूरत होती है ताकि जच्चा-बच्चा दोनों का स्वास्थ्य बेहतर रहे और कुपोषण का शिकार न हो सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ममता दिवस आयोजित किया गया।
अकबरपुर ब्लॉक तिगाई फर्स्ट, आंगनबाड़ी केंद्र पर ममता दिवस के अवसर पर सभी लाभार्थियों को पोषाहार वितरित किया गया। इसके साथ ही वहां मौजूद गर्भवती एवं धात्री महिलाओं सहित बच्चों एवं किशोरियों को भी स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता एवं शारीरिक विकास से जुड़ी जानकारी के बारे में जागरूक किया गया। इस दिवस पर महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता दर्ज की।
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मनाए जाने वाले ममता दिवस पर माताओं को पोषाहार और उपहार देकर सम्मानित किया जाता है और एक चैम्पियन के रूप में समुदाय के सामने बेहतर उदाहरण के रूप में पेश किया जाता है जिससे समुदाय में अन्य महिलाएं भी स्वास्थ्य एवं पोषाहार के प्रति जागरूक हो सकें।
गर्भावस्था में संतुलित आहार एवं आयरन फॉलिक एसिड है जरूरी
अकबरपुर ब्लॉक के बाल विकास परियोजना अधिकारी व सुपरवाइजर राम किशोरी त्रिपाठी ने बताया कि प्रसव से पूर्व एवं पश्चात संतुलित आहार एवं प्रोटीन व विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने खानपान में शामिल करना चाहिए जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रह सकें। सुबह गुड़ और चना खाने से शरीर में आयरन की बढ़ोतरी में सहायता मिलती है और गाजर, चुकंदर, अनार आदि के खाने से शरीर में खून बढ़ाने में मदद मिलती है। वहीं गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार के साथ आयरन फोलिक एसिड की गोली खानी चाहिए जिससे खून का स्तर सामान्य बना रहे। उन्होने बताया कि अक्सर महिलाओं और किशोरियों में खून की कमी पायी जाती है जिसका कारण सही खानपान न हो पाना है। इसकी वजह से शरीर में थकावट और चिड़चिड़ापन आता है। किशोरियाँ ही आगे चलकर माँ बनती हैं, इसीलिए किशोरावस्था से ही बेहतर एवं संतुलित खानपान लेना चाहिए। वहीं किशोरियों को हर माह चार बार यानि सप्ताह में एक बार आयरन की नीली गोली खानी चाहिए जिससे उनमें खून की कमी न हो सके। क्या कहते हैं आँकड़े राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2015-16 (एनएफ़एचएस-4) के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 6.9 फीसदी महिलाओं ने गर्भवती होने के बाद 100 दिनों या उससे अधिक के लिए आयरन फोलिक एसिड का सेवन किया हैं। वहीं दूसरी ओर 15से 49वर्ष तक की कुल 62.8 फीसदी गर्भवती महिलाओं में खून की कमी है।