भिखारिन चिंचा की कथा का वर्णन

मुख्य अतिथि का स्वागत करते कमेटी के सदस्य


कथा का श्रवनपान करते भक्त


दिबियापुर। विकास खण्ड अछल्दा की ग्राम पंचायत बरौनाकला के मजरा नगला भन्त में आठ दिवसीय बुद्ध कथा का आयोजन चल रहा है। जिसमें बुद्ध कथा वाचक शाक्य आधार बौद्ध ने कथा के सातवें दिन चिंचा भगवान बुद्ध पर दोष लगाने का वर्णन करते हुए कहा कि चिंचा विरोधियों के कहने पर भगवान बुद्ध पर दोष लगाने के लिए राजी हो जाती है। चिंचा श्रावस्ती नगर की एक भिखारिन थी। भगवान बुद्ध पर जब दोष लगाने के लिए भगवान बुद्ध के पास लगातार 9 मॉह तक जाती है। और 9 मॉह पूर्व होने पर चिंचा अपने पेट में एक कठौता बांध कर जेत वन में जाती है। और भगवान बुद्ध से कहने लगती है। यहां बैठे बैठे आप धर्म उपदेश दे रहे हो। और मुझे प्रसव वेदना सता रही है। तो भगवान बुद्ध ने कहा बहन सच्चाई तू जानती है या मैं जानता हूं। तीसरा और कोई नहीं जानता होगा। तो भगवान बुद्ध की वाणी को सुनकर बहन चिंचा जोर जोर हंसने लगी। उसी समय चिंचा को एक ठसी लग जाती है। बड़ी तेजी से उसे खांसी आ जाती है। जब वह खांसती है। और उसका शरीर ढीला हो जाता है। लकड़ी का कठौता बंधा हुआ नीचे गिर जाता है। वन में उपदेश ले रहे लोंग कठौता देख कर के चिंचा को मारने के लिए दौड पडतें हैं। तो भगवान बुद्ध उन लोगों को मारने ये मना कर देते हैं। कहते है कि चिंचा को मत मारिए। उसी समय भगवान बुद्ध के मुख से एक शब्द निकलता सत्यमेव जयते। चिंचा श्रावस्ती नगर में भीख मांगती है। पर उसे कोई भी भीख नहीं देता है। पुनः चिंचा भगवान बुद्ध की शरण में जाती है। भगवान बुद्ध ने चिंचा से कहा कि तुम विरोधियों का भंडा फोड कर दो। भगवान के कहने पर चिंचा अपने विरोधियों का भंडाफोड़ कर देती है।और भगवान बुद्ध की शरण में चली जाती है। और वह भव चक्र से मुक्त हो जाती है।वहीं कथा का शुभारंभ अंतर्राष्ट्रीय केंसर सर्जन डॉ नवल किशोर शाक्य व विधायक प्रतिनिधि देवेश शाक्य ने तथागत बुद्ध के चित्र पर दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर के किया।वहीं युवा शाक्य संगठन की टीम के सदस्यों के द्वारा मुख्य अतिथि का माल्यर्पण करके स्वागत किया गया।इस अवसर अखिलेश शाक्य जिलाध्यक्ष अखिल भारतीय शाक्य महासभा,भन्ते मुंशी लाल शाक्य, दयाकिशन शाक्य जिला महासचिव युवा शाक्य संगठन,रामगोपाल शाक्य, अजीत शाक्य, राहुल शाक्य, धर्म सिंह यादव प्रधान, पूनम शाक्य, सरोज शाक्य, जबर सिंह शाक्य, रविन्द्र शाक्य, रघुवंश शाक्य, अजय शाक्य रामबहादुर शाक्य बौद्धाचार्य, सन्तोषी शाक्य, शिव राज शाक्य,व्रजेंद्र बहादुर शाक्य, डॉ प्रेम चन्द्र शाक्य, आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।