■ राज्य बहाई परिषद के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में बहाइयों,ग्राम प्रधानों, प्रबुद्धजनों ने मिलकर समाजसेवा का संकल्प लिया
■ विश्व शांति को हुईं सामूहिक प्रार्थनाएं
औरैया। जनपद के सहार ब्लाक के ग्राम भूलाहार गपचारियापुर के निकट स्थित बहाई भवन में राज्य बहाई परिषद उप्र,दिल्ली एवं उत्तराखंड के तत्वाधान में जीवन्त समुदाय के नवनिर्माण के लिए ग्राम प्रधानों के दायित्व एवं योगदान विषय पर विशाल गोष्ठी आयोजित की गई। बहाई भवन भूलाहार गपचारियापुर में आयोजित ग्राम प्रधान गोष्ठी की शुरुआत प्रार्थनाओं व पवित्र वचनों से हुई, इसके बाद शोक संवेदना व्यक्त कसर प्रेम लाल बहाई को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई, इस मौके पर अपने संबोधन में बहाई विद्वान व महाद्वीपीय सलाहकार दृगपाल सिंह ने आगन्तुक अथितियों ग्राम प्रधानों,संभ्रांतजनो का आभार व्यक्त कर गोष्ठी की विषय वस्तु की जानकारी दी, और पावन ग्रंथों के अनुरूप मानव जीवन का उद्देश्य बताया व ग्राम प्रधानों को निर्वाचित होने के ईश्वरीय संयोग का सदुपयोग करते हुए समुदाय को जीवंत बनाने हेतु बेहतर कार्य करने की सीख दी,महाद्वीपीय सलाहकार दृगपाल सिंह ने समुदाय के प्रत्येक बच्चे को बेहतर आध्यात्मिक,बौद्धिक,भौतिक शिक्षा मिलने की बात उठायी, गोष्ठी में आगरा से आये एडवोकेट हृदयेश यादव ने विषय सामग्री के पाठ्यक्रम का शुभारम्भ किया, इस मौके पर शिक्षाविद डॉ इफ्तिखार हसन प्राचार्य वीजीएम दिबियापुर ने सर्वधर्म समन्वय विषय सामग्री का पाठ करते हुए व उसका अर्थ समझाते हुए सामाजिक ह को सर्वोपरि बताया व समाज हित को समर्पित राज्य बहाई परिषद द्वारा आयोजित ऐसे कार्यक्रम को भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया,इस मौके पर लखनऊ से आये संजीव उपाध्याय ने बच्चों को बचपन से ही अच्छा बनाने का प्रयास करने की सीख दी और उदाहरण दिया कि नन्हा पौधा अगर टेड़ा हो गया तो बाद में नहीं ठीक हो सकता, उन्होंने किशोर,युवाओं के मार्गदर्शन के लिए रूही संस्थान द्वारा विकसित विषय सामग्री को महत्वपूर्ण बताया, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभा भारत के सदस्य व प्रख्यात शिक्षाविद डॉ आर एस यादव ने ग्राम प्रधान पद का महत्व बताते हुए कहा कि ग्राम प्रधान पद समुदाय के विकास का प्रथम पद है,उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा से उन्हें समुदायों के उत्थान का सुअवसर मिलता है,उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर स्थापित सभी धर्म समान हैं,कहा कि धर्म सनातन है,सदैव रहेगा,लोग ईश्वरीय अवतारों को अलग 2 मानते हैं,जब कि ऐसा नहीं है, बताया कि अपने काल खंड में प्रत्येक अवतार दुनियां के सभी लोगों का मार्गदर्शन करने आता है,उन्होंने बताया ईश्वरावतार बहाउल्लाह की वाणी के व्याख्याता अब्दुल बहा ने करीब डेढ़ सौ वर्ष पहले ही इलेक्ट्रान एटम व जैविक तत्व के बारे में स्वविवेक से बताया था,जो कहीं पढ़ने नहीं गए थे,जिसे आज के वैज्ञानिक गॉड पार्टिकल के नाम पर अब खोज पाए हैं,उन्होंने कहा कि जीवन्त समुदाय के निर्माण के लिए किशोरों,युवाओं के मार्गदर्शन की बहुत आवश्यकता है,उन्होंने बहाई शिक्षाएं इसस्वीकार करने का रहस्य बताया,इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि व शिक्षाविद रविन्द्र राजपूत ने अपने संबोधन में समुदाय के नवनिर्माण में ग्राम प्रधानों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया,उन्होंने कहा कि राज्य बहाई परिषद द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम बहुत सराहनीय है , इस मौके पर लखनउ से पधारी बहाई विदुषी श्रीमती बी मोहाजिर रुचिकर शिक्षाप्रद कहानी प्रस्तुत की, इस मौके पर बहाई शिक्षक जिलेदार सिंह ने बहाई आल्हा व घनश्याम सिंह बहाई शिक्षा व नशा उन्मूलन पर आधारित गीत प्रस्तुत किया, गोष्ठी में बिधूना व सहार ब्लाक के करीब पचास ग्राम प्रधान व इतने ही अन्य भाग लेने वाले संभ्रांतजनों का माल्यार्पण कर व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया, अंत में पूर्व प्रधान व वयोवृद्ध समाजसेवी अरविंद राजपूत ने आये सभी साथियों का आभार व्यक्त किया व समाजहित में गोष्ठी आयोजित करने के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।