टीबी मरीजों का सुई नहीं अब दवाओं से होगा इलाज


जिले में टीबी मरीजों को  दिए गए  35 लाख  रूपए 


कानपुर देहात(अमर स्तम्भ) 13 फरवरी 2020 राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी के गंभीर मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन से अब छुटकारा मिल सकेगा। यही  इलाज अब दवाओं के जरिये किया जाएगा।   । । 


जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जनपद में 24 मार्च 2020 से बिना इंजेक्शन टीबी का उपचार शुरू करने की योजना शुरू होने जा रही है। वर्तमान में टीबी के एक मरीज को 25 इंजेक्शन लगाये जाते हैं| यह इंजेक्शन एमडीआर और एक्सडीआर दोनों तरह के मरीजों को रविवार को छोड़कर लगातार  1 माह तक लगाये जाते थे।  छह से नौ माह या अधिकतम 11 माह और गंभीर मरीजों को 30 माह तक दवा लेनी होती है। इस दौरान मरीजों को इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं 
डीटीओ ने बताया कि खासकर बच्चों के मामले में ज्यादा दिक्कतें आती है। लेकिन अब इन सारी समस्याओं से मरीजों को बडी राहत मिलेगी और भारत सरकार की ओर से  यह  पहल टीबी मरीजों के लिए मरहम का काम करेगी। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी के मरीजो को सिर्फ दवा के माध्यम से नि:शुल्क उपचार करने की योजना बना ली है। इसके लिए कानपुर देहात सहित प्रदेश के समस्त टीबी अधिकारियों को आगरा मे प्रशिक्षण दिया जा चुका है डीटीओ ने बताया  सरकार हर एक टीबी मरीज के सम्पूर्ण उपचार के लिए महंगी दवा निःशुल्क प्रदान कर रही है। उन्होने बताया कि 24 मार्च से जिले स्तर पर टीबी के मरीजो के लिए इंजेक्शन फ्री ओरल ट्रीटमेंट शुरू किया जाएगा। नए तरीके से इलाज के लिए जिलेभर के डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। नर्सिंग स्टाफ की ट्रेनिंग भी शुरू की जाएगी। भारत सरकार ने सन 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है। इसके लिए तेजी से काम हो रहा है, जिला पीपीएम समन्वयक अनुराग तिवारी ने बताया जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक जनपद में कुल 2,788 लोग टीबी से ग्रसित मिले। इसमें  से 1,703 मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत पोषण के लिए लगभग 35 लाख  रुपये  मरीजों को वितरित किए जा  चुके हैं।  कहा कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी से ग्रसित मरीजों को इलाज के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये  सरकार की ओर से  उनके उचित खानपान के लिए दिए जाते है।