यूपी कैबिनेटः जमीन की रजिस्ट्री के लिए अब सभी को समान फीस
लखनऊ (अमर स्तम्भ) :प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री डीड्स पर अब एक फीसदी पंजीयन शुल्क लगेगा। वर्तमान व्यवस्था के तहत यह शुल्क दो फीसदी या अधिकतम 20 हजार रुपये देना होता है। अब इसमें बदलाव करते हुए अधिकतम सीमा समाप्त कर दी गई है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को प्रदेश कैबिनेट की बैठक यह अहम फैसला लिया गया। बैठक में रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 में शामिल पंजीयन शुल्क सारिणी को संशोधित करने को मंजूरी दे दी गई। राज्य सरकार के प्रवक्ता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि वर्तमान में संपत्ति की कीमत का दो प्रतिशत व अधिकतम 20 हजार रुपये पंजीकरण शुल्क तय है। इस कारण बड़ी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने वाले भी उसी अनुपात में शुल्क अदा कर मुक्त हो जाते हैं, अब पंजीकरण शुल्क सीधे एक प्रतिशत तय किया गया है। इससे बड़ी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने वाले को अधिक शुल्क देना होगा। इससे प्रदेश सरकार को प्रति वर्ष करीब 1000 करोड़ रुपये अतिरिक्त आय का अनुमान है, इस तरह समझिए बदलाव का अपने पर असर पहले दो प्रतिशत पंजीकरण शुल्क होने से एक लाख रुपये पर 2,000 रुपये व 10,00,000 रुपये की रजिस्ट्री पर 20 हजार रुपये पड़ते थे। इसके बाद रजिस्ट्री 10,00,001 की हो या 10 करोड़, 20 करोड़ या 100 करोड़ की, अधिकतम 20 हजार रुपये ही देने पड़ते थे। इस कारण बड़ी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने वाले धनाढ्य वर्ग, बिल्डर, उद्योगपति इसका फायदा उठाते थे। नई व्यवस्था में एक प्रतिशत की दर से एक लाख की रजिस्ट्री पर एक हजार रुपये, 20 लाख पर 20 हजार रुपये तो 50 लाख पर 50 हजार रुपये अदा करने पड़ेंगे। इस तरह पंजीकरण शुल्क बढ़ता जाएगा।